Shiv chaisa Options
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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
अर्थ: हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमद्देवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर Shiv chaisa पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
शंकर सम्मुख shiv chalisa lyricsl पाठ सुनावे ॥ जन्म जन्म के पाप नसावे ।
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? Shiv chaisa - प्रेरक कहानी